डायबिटीज में फास्टिंग (FBS) और पोस्ट-प्रैंडियल ब्लड शुगर (PPBS) के लेवल को जाने

अगर आपने कभी अपने ब्लड शुगर लेवल की जाँच कराई है, तो आपने फास्टिंग ब्लड शुगर (FBS) और भोजन के बाद ब्लड शुगर (PPBS) के बारे में जरूर सुना होगा। ये दोनों स्तर डायबिटीज के निदान और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
ये पैरामीटर न केवल डायबिटीज के निदान में मदद करते हैं बल्कि उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं जो अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने की कोशिश कर रहे हैं।
फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर का लेवल जानने से व्यक्ति को अपने ब्लड शुगर नियंत्रण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। इसके अलावा, यह डायबिटोलॉजिस्ट को हर व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा उपचार और मैनेजमेंट प्लान बनाने में मदद करता है।
तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर का लेवल क्या होता है।
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फास्टिंग ग्लूकोज क्या होता है?
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट रात भर के आठ से बारह घंटे के फास्टिंग के बाद ब्लड शुगर लेवल को मापता है। इसलिए, ज्यादातर फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट सुबह के समय किए जाते हैं।
पैरामीटर | सामान्य मान | प्रीडायबिटीज़ | डायबिटीज़ |
फास्टिंग ब्लड शुगर | 99 mg/dL या कम | 100-125 mg/dL | 126 mg/dL या अधिक |
अगर टेस्ट के नतीजे असामान्य आते हैं, तो निदान को साबित करने के लिए आप इसे किसी दूसरे दिन दोहरा सकते हैं।
आपके फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करने वाले मुख्य कारण
1. आपका रात का खाना: आपके डिनर की सामग्री और समय फास्टिंग ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकते हैं।
2. आपके भोजन की मात्रा: भोजन की मात्रा भी ब्लड शुगर पर असर डालती है।
3. आपके शरीर की इंसुलिन बनाने और उसे प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने की क्षमता: यह महत्वपूर्ण कारक है।
4. आपके भोजन का समय: भोजन का समय भी ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है।
5. फास्टिंग की अवधि: फास्टिंग की अवधि का भी असर पड़ता है।
6. नींद का समय और नींद की गुणवत्ता: अच्छी और पूरी नींद ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
7. आपके भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा: कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का सीधा असर होता है।
8. दवाइयाँ (आप अगर किसी दवा को ले रहे हों): कुछ दवाइयाँ ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती हैं।
फास्टिंग ब्लड शुगर के हाई लेवल से संकेत मिलता है कि आपका शरीर ब्लड शुगर लेवल को नियमित और कम नहीं कर सकता, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस, अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन या दोनों के कारण हो सकता है। फास्टिंग ब्लड शुगर के लो लेवल से संकेत मिलता है कि आपकी डायबिटीज की दवाइयाँ आपके ब्लड शुगर लेवल को बहुत कम कर रही हैं।
सुबह (डायबिटीज से ग्रसित लोगों में) फास्टिंग ब्लड शुगर के हाई लेवल का प्रमुख कारण
डॉन इफेक्ट
सुबह-सवेरे, कोर्टिसोल और ग्रोथ हार्मोन जैसे हार्मोन लीवर को ग्लूकोज बनाने के लिए उकसाते हैं, जो आपको जगाने में मदद करता है। ग्लूकोज के उत्पादन के लिए पैंक्रिया में इंसुलिन बनाने वाली सेल्स को भी उकसाया जाता है।
हालांकि, अगर आपको डायबिटीज है, तो आपके पैंक्रिया पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाते, या ब्लड शुगर में बढ़ोतरी का मुकाबला करने के लिए इंसुलिन रेजिस्टेंस ज्यादा हो सकता है। इसका परिणाम यह होता है कि आप हाई ब्लड शुगर लेवल के साथ जागते हैं।
फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और HbA1c लेवल के बीच संबंध
फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल किसी एक खास समय पर आपके ग्लूकोज लेवल को नापता है। इस वजह से ये नतीजे आपके रोजाना या साप्ताहिक कामों से प्रभावित हो सकते हैं। दूसरी ओर, आपका HbA1c लेवल तीन महीने की औसत रीडिंग होती है।
इसलिए, अगर आपका HbA1c सामान्य है, पर फास्टिंग ग्लूकोज सामान्य से ज्यादा है, तो यह टेस्ट से पहले की रात में नींद की कमी, तनाव, या कार्बोहाइड्रेट या चीनी से भरपूर भोजन खाने के कारण हो सकता है। ऐसे मामले में आपको किसी अन्य दिन टेस्ट दोहराने की सलाह दी जा सकती है।
HbA1c टेस्ट को असामान्य ब्लड शुगर लेवल का शुरूआती पता लगाने के लिए भी मुख्य टेस्ट माना जाता है। पिछले दो से तीन महीनों में आपके औसत ब्लड शुगर नियंत्रण का पता इस टेस्ट से लगाया जाता है।
पोस्ट-प्रांडियल (PP) ग्लूकोज लेवल को समझना
पोस्ट-प्रांडियल ब्लड शुगर टेस्ट भोजन करने के दो घंटे बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल को मापता है। PP टेस्ट ब्रेकफास्ट, लंच (POL) या डिनर (POD) के दो घंटे बाद किया जा सकता है, जबकि आप अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी कर रहे होते हैं।
पोस्ट-प्रांडियल टेस्ट आमतौर पर यह जानने के लिए किया जाता है कि आपका शरीर खाने में मौजूद शुगर और स्टार्च पर कैसे प्रतिक्रिया करता है। जब आप भोजन करते हैं, तो आपका खाना आपके पेट में पचता है, और ब्लड ग्लूकोज या ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है।
इस ब्लड शुगर के बढ़ने के जवाब में, आपका पैंक्रियास इंसुलिन का उत्पादन करता है, जो इन शुगर को मांसपेशियों और अन्य ऊतकों में पहुंचाता है। आपके भोजन के 2 घंटे के भीतर, आपके ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर लौट आना चाहिए।
हालांकि, अगर आपके पोस्ट-प्रांडियल ब्लड ग्लूकोज लेवल उच्च हैं (जिसे इम्पेयरड ग्लूकोज टॉलरेंस या IGT भी कहा जाता है), तो यह संकेत है कि आपको डायबिटीज या प्रीडायबिटीज है।
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि भोजन में आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों का क्रम आपके भोजन के बाद ब्लड शुगर के लेवल को काफी प्रभावित कर सकता है।
पैरामीटर | सामान्य मान | प्रीडायबिटीज़ | डायबिटीज़ |
भोजन के बाद ब्लड शुगर | 140 mg/dL से कम | 140-199 mg/dL | 200 mg/dL से अधिक |
फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर टेस्ट के नतीजे
फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर टेस्ट के नतीजे उम्र, लिंग और हेल्थ हिस्ट्री के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। अलग-अलग प्रयोगशालाओं से मिले नतीजों में भी थोड़ा-सा अंतर हो सकता है। फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर टेस्ट में आपके हाथ की नस से ब्लड इकठ्ठा किया जाता है।
डायबिटीज से ग्रसित लोगों में ब्लड शुगर लेवल चौबीस घंटे में और दिन-ब-दिन बदलता रहता है। इसलिए, आपका डॉक्टर ऐसे टेस्ट की सिफारिश कर सकता है, जो लंबे समय तक के ग्लाइसेमिक नियंत्रण की ओर इशारा करता है, जैसे कि HbA1c टेस्ट।
आपका डायबिटीज रिवर्स
हो सकता है क्या?
भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज स्तर को प्रभावित करने वाले कारक
कुछ कारक आपके पोस्ट-प्रांडियल ब्लड ग्लूकोज स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे:
1. धूम्रपान
2. अत्यधिक तनाव
3. उच्च कार्ब आहार
4. पूरा भोजन न कर पाना
5. टेस्ट के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि
6. चल रही दवाइयाँ
7. व्यायाम
डायबिटीज से ग्रसित लोगों के फास्टिंग और भोजन के बाद के ब्लड शुगर लेवल पर ध्यान दें
डायबिटीज से ग्रसित लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर और भोजन के बाद ब्लड शुगर और HbA1c के बीच संबंध को जानने के लिए काफी अध्ययन किया गया है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) की सलाह है कि डायबिटीज से ग्रसित लोगों को इन बातों पर अधिक ध्यान देना चाहिए:
- फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल: 90 से 130 mg/dL
- भोजन के बाद अधिकतम ब्लड ग्लूकोज: 180 mg/dL से कम
- HbA1c: < 7%
फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल की तुलना में भोजन के बाद के लेवल डायबिटीज से ग्रसित लोगों में ब्लड शुगर नियंत्रण के सर्वाधिक विश्वसनीय इशारे हैं।
हमें अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी क्यों करनी चाहिए?
प्रीडायबिटीज और डायबिटीज से ग्रसित लोगों को समय-समय पर अपने ब्लड शुगर लेवल की जाँच करनी चाहिए। इससे आपको काफी मदद मिलती है:
- आपकी जीवनशैली और डाइट के आधार पर आपका ब्लड शुगर लेवल कैसे बढ़ता या घटता है, इसे समझने के लिए।
- आपके डॉक्टर को यह जानने में मदद मिलती है कि आपकी दवाइयाँ आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में कितनी प्रभावी हैं।
- डायबिटीज से संबंधित समस्याओं को शुरुआत में ही रोकने में मदद मिलती है।
- ब्लड शुगर की निगरानी से व्यक्ति को यह समझने में भी मदद मिलती है कि उनकी खुदकी देखभाल कितनी प्रभावी है और ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए उन्हें क्या करने की जरूरत है।
अपने फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल की जाँच कैसे कराएँ?
फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर टेस्ट तीन तरीकों से करवा सकते हैं: डायग्नोस्टिक लैब के जरिए, लगातार ग्लूकोज मॉनिटरिंग (CGM) का इस्तेमाल करके, और ब्लड शुगर की खुद निगरानी (SMBG) करके।
डायग्नोस्टिक लैब
- अपॉइंटमेंट: टेस्ट से पहले किसी भी खास सूचना या तैयारी के लिए लैब से संपर्क करें।
- फास्टिंग समय: टेस्ट से पहले बताए गए फास्टिंग समय का पालन करें, आमतौर पर लगभग आठ घंटे तक बिना कुछ खाए-पिए (पानी को छोड़कर) फास्टिंग से संबंधित सभी सूचनाओं का पालन करना फास्टिंग ब्लड शुगर के सही नतीजे पाने के लिए महत्वपूर्ण है।
- दवाइयाँ: टेस्ट से पहले आपको अपनी रोजाना डायबिटीज दवाइयाँ लेनी चाहिए या कोई अन्य जरूरी बात करनी हो तो उसे निश्चित करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- जरूरी दस्तावेज: अपने डायबिटीज मैनेजमेंट से संबंधित सभी दस्तावेज, प्रिस्क्रिप्शन साथ रखें क्योंकि लैब में संदर्भ के लिए जरूरत हो सकती है।
लगातार ग्लूकोज मॉनिटरिंग (CGM)
- डिवाइस प्लेसमेंट: अपने शरीर पर सीजीएम डिवाइस को सही तरीके से लगाने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। वे आपको ऊपरी बांह या पेट जैसी सही जगह पर लगाने के बारे में बताएँगे।
- कैलिब्रेशन: डिवाइस का सही कैलिब्रेशन उचित ब्लड शुगर रीडिंग सुनिश्चित करता है।
- डेटा एनालिसिस: सीजीएम डेटा की नियमित जाँच-पड़ताल करें, फास्टिंग और भोजन के बाद के समय पर ध्यान दें। पैटर्न, रुझान और ब्लड शुगर के लेवल में किसी भी महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव पर नजर रखें।
- अपनी डायबिटीज मैनेजमेंट टीम के साथ ताल-मेल: आप जब फिटरफ्लाई के डायबिटीज केयर प्रोग्राम में शामिल होते हैं, तो हम डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए अपने नजरिए से सीजीएम सेंसर मॉनिटरिंग का इस्तेमाल करते हैं। सीजीएम का इस्तेमाल कर फिटरफ्लाई के सदस्य अपने ब्लड शुगर लेवल और व्यक्तिगत ग्लाइसेमिक रिस्पांस के बारे में सही समय पर जानकारी पा सकते हैं। सही डाइट प्लान बनाने के लिए इस जानकारी का इस्तेमाल किया जाता है जो व्यक्ति को अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
ब्लड ग्लूकोज पर खुद की नजर (SMBG)
- ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल: निगरानी के इस तरीके में, एक पोर्टेबल ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल घर पर अपने ब्लड शुगर लेवल को नापने के लिए किया जाता है। आपके पास एक विश्वसनीय और सही ग्लूकोमीटर होना जरूरी है।
- टेस्ट स्ट्रिप्स और लैंसेट: आपके पास ब्लड सैंपल्स के लिए टेस्ट स्ट्रिप्स और लैंसेट पर्याप्त होने चाहिए। इन वस्तुओं के सही इस्तेमाल और निपटान के लिए दी गई सूचनाओं का पालन करें।
- भोजन से पहले और बाद में जाँच: फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर नापने के समय दी गई सूचनाओं का पालन करें। आमतौर पर फास्टिंग के लेवल की जाँच सुबह नाश्ते से पहले की जाती है, जबकि भोजन के बाद के लेवल को भोजन शुरू करने के लगभग दो घंटे बाद नापा जाता है।
- रिकॉर्डिंग और ट्रैकिंग: अपने ब्लड शुगर रीडिंग का रिकॉर्ड रखें, दिनांक, समय और भोजन का स्वरुप, कसरत या दवाइयों का सेवन जैसी हर बात को नोट करें। नोट किए रिकॉर्ड पैटर्न की पहचान करने और अपने डॉक्टर से चर्चा को आसान बनाने में मदद कर सकते हैं। आमतौर पर यह रीडिंग लैब टेस्ट से मिली रीडिंग से अधिक होती हैं।
डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल की निगरानी के कुछ अन्य तरीके
फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल के अलावा अपने ब्लड शुगर पर अन्य तरीकों से भी नजर रखी जा सकती है जैसे:
1. HbA1c
HbA1c टेस्ट पिछले दो-तीन महीनों के आपके ब्लड शुगर लेवल का औसत बताता है। ब्लड में ग्लूकोज हीमोग्लोबिन (ब्लड पिग्मेंट) के साथ जुड़ जाता है।
आपके ब्लड में जैसे-जैसे ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है, हीमोग्लोबिन का ज्यादा तर हिस्सा ग्लूकोज से मिल जाता है। यह टेस्ट उन रेड ब्लड सेल्स के प्रतिशत को नापता है जिनमें ग्लूकोज-कोटेड हीमोग्लोबिन होता है।
इस टेस्ट को ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
2. रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट
फास्टिंग और भोजन के बाद के ब्लड शुगर टेस्ट के विपरीत, रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, आपने रात के खाने में चाहे कुछ भी खाया हो।
200 mg/dL या उससे ज्यादा रैंडम ब्लड ग्लूकोज रीडिंग डायबिटीज की ओर इशारा करती है। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए फास्टिंग और भोजन के बाद के ब्लड ग्लूकोज और HbA1c टेस्ट से की जानी चाहिए।
3. ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (OGTT)
डायबिटीज का पता लगाने के लिए OGTT का इस्तेमाल किया जाता है और शरीर की ब्लड शुगर का उपयोग करने की क्षमता को मापा जाता है। फास्टिंग के बाद पानी में घुले 75 ग्राम निर्जल ग्लूकोज को पिया जाता है और एक, दो और तीन घंटे के अंतराल पर ब्लड सैंपल्स इकट्ठा किए जाते हैं।
ग्लूकोज घोल पीने से पहले फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल भी नापा जाता है। आमतौर पर नॉर्मल OGTT नतीजे दो घंटे बाद 140 mg/dL से कम होते हैं। यदि आपका ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dL से ज्यादा है, तो आपको डायबिटीज हो सकता है।
फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड शुगर टेस्ट करवाते समय ध्यान देने योग्य बातें
फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल नापने से पहले
- रात भर फास्टिंग: टेस्ट से कम-से-कम आठ घंटे पहले फास्टिंग करें। इसका मतलब है कि फास्टिंग के दौरान पानी के अलावा अन्य कोई भी पेय या खाना नहीं लेना चाहिए।
- दवाइयाँ: फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट से पहले अपनी रोजाना दवाइयाँ लेनी चाहिए या अन्य कोई तरीका अपनाने की जरूरत है, इसके बारे में अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से बात करें।
- हाइड्रेशन: डीहाइड्रेशन ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है, इसलिए हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पिएँ।
- कड़ी मेहनत वाले एक्सरसाइज न करें: टेस्ट से पहले कड़ी मेहनत करने से बचें क्योंकि कड़ी मेहनत से आपके ब्लड शुगर लेवल पर असर हो सकता है और गलत नतीजे आ सकते हैं।
- अपने रोजाना रूटीन पर कायम रहें: टेस्ट से पहले अपने रोजाना रूटीन और नींद को बनाए रखें क्योंकि रूटीन में आई बाधा ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है।
भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल नापते समय
- समय: भोजन शुरू करने के दो घंटे बाद अपने ब्लड शुगर को नापें क्योंकि खाने के बाद ग्लूकोज रिस्पांस को समझने के लिए यह समय सीमा होती है।
- योग्य भोजन: सामान्य खाने की आदतों के अनुसार खाएँ, न ज्यादा खाएँ और न कम भोजन करें। इससे आपके शरीर का सामान्य खाने पर मिलने वाला रिस्पांस अधिक स्पष्ट होगा।
- कार्बोहाइड्रेट: कार्बोहाइड्रेट का ब्लड शुगर लेवल पर सबसे अधिक प्रभाव होता है, इसलिए खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का ध्यान रखें।
- खाने का रिकॉर्ड रखें: खाने का प्रकार और मात्रा सहित सभी बातें नोट करें। इससे आपको और आपके डॉक्टर को जरूरत पड़ने पर आपके डाइट में जरूरी बदलाव करने में मदद मिल सकती है।
- कसरत से दूर रहें: खाने के तुरंत बाद कसरत न करें क्योंकि कसरत ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है। खाने के बाद कसरत के बजाय अपने ब्लड शुगर लेवल को नापने का इंतजार करें।
फास्टिंग के दौरान ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रखने के उपाय
अपने फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल सीमा के भीतर बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। कुछ सुझाव यहाँ दिए हैं:
- पाचन के लिए पर्याप्त समय देने के लिए रात जल्दी खाएँ।
- खाने में कार्बोहाइड्रेट पर नियंत्रण रखें।
- खाने के बाद टहलना फायदेमंद है।
भोजन के बाद ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रखने के उपाय
नियंत्रित लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव से भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल में होने वाली बढ़ोतरी को कम किया जा सकता है। कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
- फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनाएँ।
- भोजन में कार्बोहाइड्रेट पर नियंत्रण रखें।
- स्मार्ट भोजन नियोजन।
- कम खाएँ और पोर्शन कंट्रोल करना सीखें।
- भोजन के बाद तीस मिनट तक की गई सैर भोजन के बाद ग्लाइसेमिक रिस्पांस में सुधार करती है।
- दवाइयाँ भी भोजन के बाद ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं (अल्फा-ग्लूकोसिडेस इनहिबिटर्स)।
- आपका वजन अगर ज्यादा है तो उसे कम करें और नॉर्मल सीमा में बनाए रखें।
- रोजाना व्यायाम करें।
- अच्छी और गहरी नींद लें।
- प्रभावी स्ट्रेस मैनेजमेंट।
अनकंट्रोल्ड शुगर लेवल का असर
अनकंट्रोल्ड ब्लड शुगर लेवल कई प्रकार के लक्षणों का कारण बन सकता है। लो ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) के लक्षण तब उत्पन्न होते हैं जब डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति पर्याप्त भोजन नहीं करता या उसके शरीर में इंसुलिन ज्यादा हो जाता है।
हाई ब्लड शुगर ब्लड शुगर स्तर के सामान्य लक्षण
- उनींदापन
- बार-बार पेशाब आना
- थकान
- भूख और प्यास बढ़ना
- धुंधली दृष्टि
- हाथों और पैरों में झनझनाहट
फिटरफ्लाई – 5 शुगर लेवल कम करने के उपाय
कम ब्लड शुगर स्तर के सामान्य लक्षण
- तेज धड़कन
- पसीना आना
- अत्यधिक भूख
- बेचैनी
- चक्कर आना
- चिड़चिड़ापन
- थकान और सामान्य थकावट
ब्लड शुगर लेवल अधिक बढ़ने पर डायबिटीज में आने वाली मुश्किलें
समय रहते अगर इसे नियंत्रित न रखा जाए तो फास्टिंग और भोजन के बाद हाई ब्लड शुगर लेवल अनेक मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कुछ इस प्रकार हैं:
- किडनी समस्या (नेफ्रोपैथी)/ आँखों की समस्या
- लीवर समस्या
- हृदय विकार
- पैरों की समस्या
- नर्व समस्या (न्यूरोपैथी)
हाई ब्लड शुगर लेवल पर समय पर अगर नियंत्रण नहीं किया गया तो डायबिटीज की कुछ गंभीर या थोड़े समय के लिए मुश्किलें आ सकती हैं:
- डायबिटीज कीटोएसिडोसिस (DKA)
- हाइपर ऑस्मोलर हाइपरग्लाइसेमिक स्थिति
FitterTake
प्रभावी ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए फिटरफ्लाई जैसे एक्सपर्ट्स की एक टीम के साथ काम करना बहुत महत्वपूर्ण है। फिटरफ्लाई में हमें, व्यक्तिगत डायबिटीज मैनेजमेंट प्लान विकसित करने में काफी सफलता मिली है।
हम अपने नजरिए से आपकी खास जरूरतों के अनुसार सही डाइट प्लान बनाने के लिए CGM निगरानी और PGR (पर्सनल ग्लाइसेमिक रिस्पांस) का इस्तेमाल करते हैं। आपके ब्लड शुगर लेवल की जाँच-पड़ताल कर, उन्हें नियंत्रित रखने के लिए हम सबसे बेहतरीन और उपयुक्त डाइट बता सकते हैं।
नियमित तौर पर अपने फास्टिंग, भोजन के बाद ब्लड शुगर और HbA1c लेवल की निगरानी से आपके शरीर के ब्लड शुगर नियंत्रण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। प्रभावी ढंग से नियंत्रण करने के लिए इन नापों के बारे में सतर्क रहना जरूरी है।
फिटरफ्लाई में, फिटरफ्लाई डायबिटीज प्राइम जैसे हमारे डायबिटीज केयर प्रोग्राम को एक विस्तृत टीम द्वारा तैयार किया गया है जिसमें एक न्यूट्रिशन कोच, एक फिजियोथेरेपी कोच और एक सक्सेस कोच शामिल हैं। हमारा पूरा कार्यक्रम डायबिटीज मैनेजमेंट के चार प्रमुख खंभों के इर्द-गिर्द घूमता रहता है:
- सही डाइट: हम आपको योग्य ब्लड शुगर लेवल बनाए रखने के लिए उपयुक्त डाइट प्लान तैयार करने में मदद करते हैं।
- कसरत का पर्याप्त और सही ढंग: हमारे एक्सपर्ट्स आपको आपकी स्थिति के अनुसार रोजाना कसरत करने के बारे में राह दिखाएँगे।
- पर्याप्त नींद: हम डायबिटीज मैनेजमेंट में गहरी और शांति पूर्ण नींद को बड़ा महत्व देते हैं और आपकी नींद की आदतों को सुधारने के लिए सलाह देते हैं।
- प्रभावी स्ट्रेस मैनेजमेंट: हमारे प्रोग्राम में स्ट्रेस को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के उपाय शामिल हैं क्योंकि स्ट्रेस ब्लड शुगर नियंत्रण को काफी प्रभावित कर सकता है।
अगर आप डायबिटीज या प्रीडायबिटीज से ग्रसित हैं और अपने ब्लड शुगर लेवल पर बेहतरीन ढंग से नियंत्रण पाना चाहते हैं, तो हम आपको फिटरफ्लाई के डायबिटीज केयर प्रोग्राम के लिए साइन अप करने की सलाह देते हैं।
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This blog provides general information for educational and informational purposes only and shouldn't be seen as professional advice.
Frequently Asked Questions
फास्टिंग या भोजन के बाद वाले ब्लड शुगर लेवल में से कौन-सा सबसे महत्वपूर्ण है ?
फास्टिंग और भोजन के बाद का ब्लड शुगर लेवल दोनों आपके संपूर्ण ब्लड शुगर नियंत्रण कीओर इशारा करते हैं। फास्टिंग ब्लड शुगर रात भर के फास्टिंग के बाद आपके ग्लूकोज लेवल को नापता है जबकि भोजन के बाद ब्लड शुगर भोजन के बाद आपके ग्लूकोज लेवल को बताता है। दोनों ही डायबिटीज नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं और पूरे दिन स्वस्थ्य ब्लड शुगर बनाए रखने के लिए दोनों की निगरानी और नियंत्रण जरूरी है। इसलिए हमें दोनों की तुलना नहीं करनी चाहिए।
भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल का नॉर्मल लेवल क्या माना जाता है?
बिना शुगर वाले लोगों के लिए ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dL से नीचे नॉर्मल माना जाता है। शुगर वाले लोगों के लिए 140 mg/dLऔर 180 mg/dLके बीच का लेवल नॉर्मल है।
भोजन के बाद ब्लड शुगर टेस्ट से पहले क्या पानी पी सकते हैं ?
जी हाँ, बिलकुल आप भोजन के बाद ब्लड शुगर टेस्ट से पहले पानी पी सकते हैं।
आपको भोजन के बाद अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच कब करनी चाहिए ?
आपको भोजन के दो घंटे बाद अपना ब्लड शुगर लेवल टेस्ट करना जरूरी है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) आपके ब्लड शुगर नियंत्रण का बेहतरीन अर्थ समझाने के लिए फास्टिंग और भोजन के बाद टेस्ट करने की सलाह देता है।
मैंने फास्टिंग और भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज टेस्ट किया है, तो क्या अभी भी मुझे अपने HbA1cलेवल की जांच करने की जरूरत है ?
जी हाँ, HbA1c टेस्ट करने से आपके डॉक्टर को पिछले दो से तीन महीनों में आपके औसत ब्लड शुगर लेवल को समझने में आसानी होती है।
मैं क्या सिर्फ फास्टिंग ब्लड शुगर जांच कर सकता हूँ ?
फास्टिंग भोजन के बाद और के साथ एक व्यापक जांच आपके डॉक्टर को और बेहतर स्पष्टता देता है कि फास्टिंग, भोजन करने और पिछले कुछ महीनों में आपका ब्लड शुगर लेवल कैसे बदला है।
अगर मैं अपनी जांच के लिए लैब पैदल जाऊं तो क्या मेरा फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होगा ?
खाली पेट की गई कोई भी शारीरिक हलचल या व्यायाम शुगर बढ़ने का कारण हो सकता है। इसलिए यह सिफारिश की जाती है किअपने फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल जांच के लिए लैब में पैदल न जाएँ।
मैंने देर रात खाना खाया है। मुझे क्याअगली सुबह फास्टिंग ब्लड शुगर जांच करानी चाहिए ?
फास्टिंग ब्लड शुगर जांच के लिए आपको कम-से-कम आठ घंटे का फास्टिंग करना होगा। इसलिए आपने अगर देर रात खाना खाया है तो अपनी जांच आठ घंटे बाद शेड्यूल करें।