रैंडम ग्लूकोज टेस्ट एक सामान्य टेस्ट है, जिसे कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपने ब्लड शुगर लेवल को जान सकता है। डायबिटीज से संबंधित अन्य टेस्ट के बिल्कुल उल्टा रैंडम ग्लूकोज टेस्ट होता है, जो दिन में कभी भी किया जा सकता है।
यह टेस्ट डॉक्टर को यह निर्णय लेने में मदद करता है कि क्या व्यक्ति को इसके अलावा अन्य टेस्ट करने की जरूरत है। चूंकि सामान्य से अधिक रैंडम ब्लड ग्लूकोज रीडिंग डायबिटीज की ओर इशारा कर सकता है, इसलिए इसके बाद कन्फरमेटरी टेस्ट किया जाना चाहिए।
हालांकि, डायबिटीज को कन्फर्म करने के लिए रैंडम ग्लूकोज टेस्ट की सिफारिश नहीं की जाती, लेकिन इसका उपयोग ब्लड शुगर लेवल की निगरानी के लिए किया जा सकता है।
रैंडम ग्लूकोज टेस्ट कैसे किया जाता है?
डॉक्टर के क्लिनिक में रैंडम ब्लड ग्लूकोज टेस्ट किया जाता है और उंगली पर छोटी-सी चुभन से ब्लड सैंपल को इकट्ठा करने की आवश्यकता होती है। घर पर ग्लूकोमीटर का उपयोग कर इसे किया जा सकता है, या लैबोरेटरी में ब्लड सैंपल इकट्ठा किए जा सकते हैं।
रैंडम ग्लूकोज टेस्ट के पहले किसी तैयारी की कोई जरूरत नहीं होती है। रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट दिन में किसी भी समय किया जाता है, भले ही आपने किसी भी समय किसी भी प्रकार का भोजन किया हो।
आपका डायबिटीज रिवर्स
हो सकता है क्या?
जो भी कोई व्यक्ति अपने ब्लड शुगर लेवल के बारे में जानना चाहता है, उसके लिए रैंडम ब्लड ग्लूकोज टेस्ट की सिफारिश की जाती है। अपने नियमित ब्लड शुगर टेस्ट के अलावा प्री-डायबिटीज और डायबिटीज से ग्रसित लोग इलाज के दौरान रैंडम ग्लूकोज टेस्ट कर सकते हैं।
डायबिटीज नियंत्रण के लिए रैंडम ग्लूकोज टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण है?
भले ही रैंडम ग्लूकोज टेस्ट का उपयोग जांच के लिए नहीं किया जाता हो, यह आपको हाइपोग्लाइसीमिया या हाईपरग्लाइसेमिया के लक्षणों की जांच करने में मदद कर सकता है।
समय पर की गई जांच डायबिटीज से संबंधित पुरानी समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है क्योंकि यह लोगों को दिनभर के दौरान अपने ब्लड शुगर लेवल की बेहतरीन ढंग से निगरानी करने में मदद करती है।
मुझे कितनी बार रैंडम ग्लूकोज टेस्ट करनी चाहिए?
हायपोग्लाइसेमिया या हाईपरग्लाइसेमिया के लक्षण जब अजीब समय पर नजर आते हैं तब उन्हें वेरिफाई करने के लिए आपको रैंडम ग्लूकोज टेस्ट करना चाहिए। हालांकि इसे ब्लड शुगर लेवल की नियमित स्व- निगरानी के रूप में करने की सिफारिश नहीं की गई है।
रैंडम ग्लूकोज टेस्ट की नॉर्मल रेंज क्या है?
रैंडम ग्लूकोज टेस्ट किसी व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को mg/dL में मापता है। 200 mg/dL से ऊपर का लेवल व्यक्ति को डायबिटीज है यह बताता है। हालांकि, रैंडम ग्लूकोज टेस्ट के बाद अन्य ग्लूकोज टेस्ट जैसे कि फास्टिंग, भोजन के बाद, HbA1C या ओरल ग्लूकोज टोलरेंस ( OGTT) किया जाता है।
डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से ग्रसित लोगों में, उनके ग्लूकोज का लेवल दिनभर में अलग-अलग होता है। यह बिल्कुल सच है क्योंकि उनके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित नहीं किया जाता है। इन लोगों में रैंडम ग्लूकोज टेस्ट के नतीजे अलग-अलग होते हैं।
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