क्या डार्क चॉकलेट डायबिटीज के लिए बेहतर है?

हमें हमेशा अलग-अलग डिजिटल और प्रिंट प्लेटफार्मों से कई खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी मिलती है। हाॅंलाकि शायद ही मुश्किल से कोई दिन जाता है, जब हम किसी खाद्य पदार्थों के लाभों के बारे में नहीं सुनते हैं, चाहे वह दिल के स्वास्थ्य के लिए रेड वाइन हो, गट हेल्थ के लिए दही हो।
आपने डार्क चॉकलेट और डायबिटीज के स्वास्थ्य लाभों के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी क्या डार्क चॉकलेट डायबिटीज के लिए बेहतर है, इसे जाॅंचने के बारे में सोचा है?
स्टडीज से पता चला है कि डार्क चॉकलेट आपके डायबिटीज खतरे को कम कर सकते हैं। नियमित कम से कम 70% डार्क चॉकलेट खाना डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए बेहतर होता है।
इस लेख के जरिए हम डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए डार्क चॉकलेट के फायदों को समझेंगे।
डार्क चॉकलेट क्या डायबिटीज के लिए बेहतर है?
जी हाॅं, डार्क चॉकलेट डायबिटीज के लिए बेहतर है। डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनोइड्स होता है जो इंसुलिन के लेवल को नियमित करने और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है। डार्क चॉकलेट ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में भी मदद करते है।
अध्ययन से पता चला है कि डायबिटीज से ग्रसित लोग जो नियमित रूप से नियंत्रित मात्रा में (10 ग्राम) डार्क चॉकलेट का सेवन करते हैं तो उनका ब्लड शुगर नियंत्रण बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर में सुधार होता है। डार्क चॉकलेट पोलीफेनोल से भरपूर हैं जिसमें नैचुरली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
डार्क चॉकलेट में मौजूद पोलीफेनोल इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है जिससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। बेहतर इंसुलिन सेंसिटिविटी वाले लोगों में डायबिटीज की शुरुआत देरी से कर सकती है या उसे रोक सकता है।
इसके अलावा जो लोग हफ्ते में कम से कम एक बार कम मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन करते हैं उनमें डायबिटीज विकसित होने की संभावना कम होती है।
डार्क चॉकलेट की न्यूट्रिशनल जानकारी
एक टुकड़ा या 35 ग्राम डार्क चॉकलेट में शामिल हैं:
कैलोरीज | 200 Kcal |
टोटल फैट | 13 ग्राम |
सैचुरेटेड फैट | 6 ग्राम |
सोडियम | 4.9 ग्राम |
टोटल कार्बोहाइड्रेट | 18 ग्राम |
डाइटरी फाइबर | 3 ग्राम |
शुगर | 13 ग्राम |
प्रोटीन्स | 3 ग्राम |
कैल्शियम | 36 मिलीग्राम |
आयरन | 3 मिलीग्राम |
डार्क चॉकलेट और डायबिटीज के बीच मेल क्या है?
डार्क चॉकलेट और डायबिटीज का मेल अजीब लग सकता है। फिर भी यह मेल डायबिटीज से ग्रसित लोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है। डार्क चॉकलेट फ्लेवोनोइड्स से भरपूर है, जो शरीर की सेल्स को नुकसान होने से बचाने में मदद कर सकते हैं।
इसके साथ, डार्क चॉकलेट इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने और ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। डार्क चॉकलेट के ये फायदे डायबिटीज को नियंत्रित करने और लाइफ क्वालिटी में सुधार लाने में मदद कर सकते हैं।
भले ही डार्क चॉकलेट बेहतर है, लेकिन सभी चाॅकलेट एक जैसे नहीं बनाई जाती। इसमें कोको की मात्रा जितनी ज्यादा होगी यह स्वास्थ्य के लिए उतना ही अच्छा होगा।
इसके अलावा डार्क चॉकलेट का चयन करने से पहले, कृपया यह निश्चित करें कि डार्क चॉकलेट को क्षार के साथ तो बनाया नहीं गया है। डार्क चॉकलेट को बनाने से उसकी कड़वाहट कम हो जाती है परंतु यह प्रोसेस चॉकलेट के स्वास्थ्यवर्धक गुणों को खत्म कर देती है।
जबकि डार्क चॉकलेट ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने का बेहतर तरीका है, पर उसका अत्यधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। चॉकलेट में मौजूद हाई फैट कंटेंट आपके स्वास्थ्य पर गलत असर कर सकते हैं।
ब्लड शुगर लेवल को कम करने वाली डार्क चॉकलेट का चयन कैसे करें?
डार्क चॉकलेट इंसुलिन रेजिस्टंस को कम करने के लिए अच्छी है पर यह कल्पना है कि डार्क चॉकलेट ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकती है।
जी हाॅं, डार्क चॉकलेट के हाई फाइबर कंटेंट ब्लड शुगर लेवल की बढ़ोतरी को रोक सकते हैं लेकिन फैट और चीनी से भरपूर डार्क चॉकलेट के अनियंत्रित सेवन से ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है।
इससे बचने के लिए आपको डार्क चॉकलेट के कंटेंट पर नजर रखनी चाहिए और इस बात को निश्चित करना चाहिए कि आप इसे सीमित मात्रा में ही लें।
डार्क चॉकलेट डायबिटीज से ग्रसित लोगों की कैसे मदद करती है?
डार्क चॉकलेट डायबिटीज से ग्रसित लोगों के जीवन में मिठास का एहसास लेकर आई है। डार्क चॉकलेट इंसुलिन रेजिस्टंस को कम करने में मदद करती है।
इंसुलिन रेजिस्टंस में कमी से शरीर को इंसुलिन का बेहतरीन तरीके से उपयोग करने में मदद मिलती है। साथ ही, डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनोइड्स शरीर में इंसुलिन के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को हररोज में कितनी डार्क चॉकलेट खानी चाहिए?
आमतौर पर डायबिटीज से ग्रसित लोग हररोज लगभग 10 ग्राम डार्क चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं। हाॅंलाकि यह मात्रा उसमें मौजूद चीनी, फैट और कैलोरीज के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। डायबिटीज से ग्रसित लोगों को प्रोसेज्ड डार्क चॉकलेट का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
अनियंत्रित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से आपकी कैलोरी में बढ़ोतरी हो सकती है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करेगी।
आपका डायबिटीज रिवर्स
हो सकता है क्या?
डायबिटीज में डार्क चॉकलेट खाने से क्या फायदे होते हैं?
डार्क चॉकलेट फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होती हैं जो इंसुलिन रेजिस्टंस को कम कर सकती है जिससे इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है। इसके अलावा डार्क चॉकलेट ब्लड क्लाॅटिंग को भी कम करने में मदद करती है।
ब्लड क्लाॅटिंग को कम करने की क्षमता डायबिटीज से ग्रसित लोगों में हृदय की बीमारी के खतरे को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा फ्लेवोनोइड्स एंडोथेलियल सेल्स के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं जो ब्लड वेसल्स की इनर लाइनिंग भी बनाते हैं।
डायबिटीज के लिए डार्क चॉकलेट की हेल्दी रेसिपी
अगर आप डार्क चॉकलेट से खाद्य पदार्थ बनाते हैं तो डार्क चॉकलेट के स्वास्थ्य लाभ ही खत्म हो जाते हैं। इसलिए डार्क चॉकलेट का अधिकतम लाभ पाने के लिए डार्क चॉकलेट को बिल्कुल पकाना नहीं चाहिए। हाॅंलाकि आप इसका एक छोटा-सा टुकड़ा ले सकते हैं।
FitterTake
डायबिटीज का पता चलने का मतलब यह नहीं कि आप खुद को चाॅकलेट से पूरी तरह से दूर रहें। अगर आपको डायबिटीज है तो आप अनप्रोसेज्ड डार्क चॉकलेट खा सकते हैं जिसमें चीनी और फैट कंटेंट कम होते हैं। हाॅंलाकि आपको डार्क चॉकलेट 10 ग्राम से कम खाना चाहिए।
जब डार्क चॉकलेट कम लिया जाता है तब इसके कईं स्वास्थ्य लाभ होते हैं जैसे कि यह इंसुलिन रेजिस्टंस को कम करता है, हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है और ब्लड क्लाॅटिंग के खतरे को कम करता है। डार्क चॉकलेट आपके जीवन का एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और शानदार पर्याय है।
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