इन्शुलिन इंजेक्शन लगाने की मूलभूत जानकारी- कहा और कैसे इंजेक्शन लगाए?
क्या आपको इन्शुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह दी गई हैं, लेकिन आपको उसमे कठनाईया लग रही हैं? अक्सर इन्शुलिन इंजेक्शन से डर लगता हैं और डायबेटीस के मरीज उसे लेने में या फिर इंजेक्शन्स लेते वक्त जो कठनाईया होती हैं उसके बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं| लेकिन अब उसके बारे में शर्म की कोई बात नहीं हैं| इस आर्टिकल में आपके इन्शुलिन इंजेक्शन से जुड़े हर सवाल का जवाब देने की हम कोशिश करेंगे|
इन्शुलिन क्या हैं?
इन्शुलिन एक हार्मोन हैं, जो बीटा पेशी से हमारे पैंक्रियाज में बनता हैं| ब्लड में ग्लूकोज लेव्हल्स का नियमन करना यह इन्शुलिन का मुख्य काम हैं|
कभी कभी जब शरीर सुयोग्य मात्रा में इन्शुलिन नहीं बना पाता या जब शरीर केवल दवाईयों के भरौसे ब्लड ग्लूकोज लेव्हल ठीक नहीं रख पाता तब इन्शुलिन इंजेक्शन्स लेने के लिए कहा जाता हैं| चलिए अब देखते हैं इन्शुलिन इंजेक्शन कब लेना पड़ता हैं|
इन्शुलिन इंजेक्शन कब लेते हैं?
डॉक्टर बहुत से कारणों के लिए इन्शुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह देते हैं| जैसे कि, टाइप २ डायबेटीस के मरीजों की शुगर ज्यादा होना, टाइप १ डायबेटीस, गर्भवती, संसर्ग आदि| इन्शुलिन इंजेक्शन के बारे में काफी अफवाएं हैं|
जब आप पुरे आत्मविश्वास के साथ इंजेक्शन लेने जाते हो तब एक सवाल आपके मन में जरुर उठता हैं, वह हैं, मुझे अपने इन्शुलिन इंजेक्शन्स कब लेने चाहिए?
दरसल आपको दिए हुए इन्शुलिन के प्रकार और डायबेटीस के प्रकार पर इन्शुलिन कब लेना चाहिए यह तय होता हैं| कभी कभी खाना खाने से पहले इन्शुलिन दिया जाता हैं तो कुछ लोग सोने से पहले इन्शुलिन लेते हैं|
इन्शुलिन हमेशा इंजेक्शन से ही दिया जाता हैं, लेकिन इन्शुलिन देने के कुछ और तरीके भी हैं| वह
तरीकें अब देखेंगे|
इन्शुलिन लेने के विभिन्न तरीकें कौनसे हैं?
CDC की तहत इन्शुलिन लेने के चार मुख्य तरीकें हैं| लेकिन डायबेटीस के हर इन्सान का इन्शुलिन लेने का तरीका अलग हो सकता हैं| इन्शुलिन लेने के चार तरीकें निचे दिए गए हैं|
इन्शुलिन सिरिंज
इन्शुलिन सिरिंज यानिके इन्शुलिन इंजेक्शन से इन्शुलिन दिया जाता हैं| सामान्यतः यह सिरिंजेस 40 IU/100 IU में बनाए जाते हैं| आपका शरीर जितना इन्शुलिन चाहता हैं उस हिसाब से डॉक्टर आपको यह इंजेक्शन्स देते हैं| ऐसे में छोटी सिरिंजेस का इस्तेमाल करना आसान होता हैं|
इन सिरिंजेस के लिए 6mm और 8mm इन साइजेस की सुईयां लगती हैं| आपके ब्लड ग्लूकोज लेव्हल के आधार पर डॉक्टर आपको सबसे बेहतर सिरिंज और सुई इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं| यह इन्शुलिन सिरिंजेस एक ही बार इस्तेमाल होती हैं|
इन्शुलिन पेन्स
इन्शुलिन पेन्स बार बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं या फिर एक ही बार इस्तेमाल करके फेंक दिए जाते हैं| सामान्यतः यह पेन्स एक महीने तक इस्तेमाल करके फेंक दिए जाते हैं| बार बार इस्तेमाल होनेवाले इन्शुलिन पेन एक मेडिकल डिवाइस हैं जो डायबेटीस के मरीजों को इन्शुलिन इंजेक्ट करने के लिए इस्तेमाल होते हैं|
इस्तेमाल करके फेंक दिए जानेवाले डिस्पोजेबल पेन्स की तरह रीयूजेबल इन्शुलिन पेन्स बार बार बदलने वाले इन्शुलिन कार्ट्रेज की मदद से कई बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं|
लेकिन डिस्पोजेबल इन्शुलिन पेन्स इन्शुलिन से पहले से ही भरे होते हैं और वह एक ही बार इस्तेमाल हो सकते हैं| डिस्पोजेबल इन्शुलिन पेन्स इस्तेमाल करने में आसान होते हैं और इन्शुलिन की सही मात्रा दिखाते हैं| यह विभिन्न आकारों में और प्रकार के इन्शुलिन में आते हैं| उसमें से मरीज अपने लिए सबसे अच्छा पेन चुन सकते हैं|
इन्शुलिन पम्प्स
इन्शुलिन पम्प एक छोटासा डिवाइस हैं जो हमारे शरीर के आवश्यकता के हिसाब से इन्शुलिन की छोटी मात्राए देता हैं| इन्शुलिन पम्प शरीर के सबसे मोटे पेशी में इन्फ्यूजन सेट के सहाय्यता से इन्शुलिन की मात्रा छोड़ता हैं|
इस इन्फ्यूजन सेट में सुई या फिर लचीला कैन्युला होता हैं| यह सुई या कैन्युला त्वचा के अन्दर लगा दिया जाता हैं| एडिपोझ पेशी में यह सुई या कैन्युला हर तिन से चार दिनों में बदल बदलकर लगाए जाते हैं|
कौन कौन से अवयवों में इन्शुलिन इंजेक्शन लगाया जाता हैं?
डॉक्टर की सलाह से इंजेक्शन लेने की ठान लेनेपर पहला सवाल हमारे मन में आता हैं कि इन्शुलिन कहा इंजेक्ट किया जाए? यह कुछ अवयव हैं जिसमे इन्शुलिन इंजेक्ट किया जा सकता हैं|
पेट
पेट में इन्शुलिन इंजेक्शन लगाया जा सकता हैं| पेट में इंजेक्शन लगाने से शरीर में इन्शुलिन जल्दी फैलता हैं| सामान्यतः आपके पसलियों के तले और जनन अंगो पर इंजेक्शन देना आसान रहता हैं| लेकिन नाभि के आजूबाजू दो इंच जगह पर इन्शुलिन इंजेक्ट नहीं करना चाहिए|
नाभि की तरह दाग, मुहासें और शरीर का ऐसा हिस्सा जिसमे पानी जमा हो सकता हैं ऐसी जगाहों पर इन्शुलिन इंजेक्शन नहीं देना चाहिए| साथ ही टूटी हुई धमनियाँ या व्हेरिकोझ व्हेन्स में इन्शुलिन ना लगाए|
बाहरी जांघ
बाहरी जांघो में भी इन्शुलिन का इंजेक्शन लगाया जा सकता हैं| सामान्यतः कमर के चार इंच निचे या पैर के ऊपर और घुटने के चार इंच ऊपर इंजेक्शन लगाने की सलाह दी जाती हैं|
ऊपरी बाँह
बांहों के ऊपरी हिस्सों में इन्शुलिन इंजेक्शन लगाया जा सकता हैं| सामान्यतः कंधा और कोहनी के बिच इन्शुलिन इंजेक्शन लगाया जाता हैं| लेकिन खुद इंजेक्शन लेने के लिए बांहों का ऊपरी हिस्सा नाकाम होता हैं|
ऊपर दिए गए अवयवो पर इन्शुलिन इंजेक्शन लगाया जाता हैं| लेकिन एक ही जगह पर बार बार इंजेक्शन ना लगाए| इससे लिकोहायपरट्रोफी हो सकता हैं| लिकोहायपरट्रोफी एक ऐसी बीमारी हैं जो बार बार इंजेक्शन लगाने के हिस्से में मोटी पेशियाँ इकट्टा होने की वजह से होता हैं| इन मोटे पेशियों की वजह से इन्शुलिन धमनियों में नहीं जाता| ऐसे में डायबेटीस पर उपचार करना मुश्किल होता हैं|
साथ ही एक ही जगह पर बार बार इंजेक्शन लगाने से त्वचा में खुजली, बेचैनी, दाग और पेशियों को नुकसान पहुंचता हैं| इससे संसर्ग और अन्य बीमारियां हो सकती हैं|
इन समस्याओं को टालने के लिए आरोग्य सेवक शरीर के अलगअलग हिस्सों पर इंजेक्शन लगाने की सलाह देते हैं|
इन्शुलिन कैसे इंजेक्ट करते हैं?
निचे दी गई जानकारी का उपयोग करने से आपको इंजेक्शन लेने में आसानी होगी:
- इन्शुलिन सिरिंज और नुकीला डिब्बा एक साथ रखे|
- इन्शुलिन लेने से पहले बहते पानी के निचे साबुन से अपने हाथ धोए|
- इंजेक्शन लगाने के अवयव चुने| चुने हुए इंजेक्शन में सही मात्रा में मोटी पेशियाँ होने की तसल्ली करे|
- सिरिंज में सुई डाले|
- सिरिंज में इन्शुलिन की सही मात्रा भरें|
- अवयव पर इन्शुलिन का इंजेक्शन लगाते हुए एक हाथ से सिरिंज पेन्सिल की तरह पकडे और दुसरे हाथ से त्वचा चुटकी में पकडे|
- सुई 90 डिग्री के कोण में त्वचा में घुसाए और उसे जोर से दबाए|
- धीरे धीरे इंजेक्शन से इन्शुलिन शरीर में छोड़े|
- सुई बाहर निकालने से पहले कुछ पलों के लिए त्वचा के अंदर ही रहने दे|
- सुई नुकीले डिब्बे में फेंक दे|
FitterTake
हर साल डायबेटीस वाले मरीजों की संख्या बढती जा रही हैं| इसलिए सेहतमंद जीवन जीने के लिए ब्लड शुगर लेव्हल ठीक रखने के तरीके ढूँढना जरुरी हैं| जिनको दवाईयों से ब्लड शुगर ठीक रखना मुश्किल लगता हैं उनके लिए इन्शुलिन इंजेक्शन एक अच्छा विकल्प हैं|
इन्शुलिन इंजेक्शन के साथ ही एकसरसाइज, आहार, नींद और तनाव व्यवस्थापन इन चीजों की तरफ ध्यान देने से आपका ब्लड ग्लूकोज लेव्हल नियंत्रित रहेगा|
अगर आपको अपनी ब्लड शुगर लेव्हल नियंत्रित रखने में परेशानी हो रही हो तो #फ़िक्रनाकरें Fitterfly Weight Loss Program और Fitterfly Diabetes Care Program आप ही के लिए डिझाइन किए गए हैं|
हमारे न्यूट्रीशन, फिजियोथेरेपी और सायकोलोजी में तज्ञ डायबेटीस, प्री-डायबेटीस और वेट लोस के लिए आपको मार्गदर्शन करेंगे| वह आपको आपका आहार, एकसरसाइज, नींद और तनाव व्यवस्थापन के बारे में जानकारी देंगे|
हमसे बात करें और देखे किस तरह हम आपकी मदद करते हैं|
अगर आपके मन में इन्शुलिन इंजेक्शन के बारे में कुछ ज्यादा ही प्रश्न हैं तो हमें जरुर संपर्क करें 08069450746|
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