5 कम फैट वाला खाना को डाइट में शामिल करना न भूलें |

हम हर रोज स्वथ्य भोजन करना पसंद करते हैं। एक प्लेट फल से लेकर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और बेहतर फैट्स को शामिल करने तक संतुलित भोजन विशेष महत्वपूर्ण है।
स्वस्थ्य भोजन की जब बात होती है, तब डाएट संबंधी अनेक फैड आते-जाते हैं। उनमें से एक फैड है लो-फैट वाले खाद्य पदार्थों को खाना।
लो-फैट वाले डाएट के फायदों के बारे में जानने से पहले लो फैट डाइट सचमुच क्या है इसे समझना बेहद जरूरी है!
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लो-फैट वाले खाद्य पदार्थ किसे कहते हैं ?
लो-फैट वाले पदार्थ वे हैं जिनमें उनके कुल वजन के मुकाबले काफी कम फैट होते हैं। किसी भी खाद्य पदार्थ को लो-फैट में शामिल करने के लिए पैमाना उत्पाद के प्रति 100 ग्राम के विशिष्ट नाप पर आधारित है।
आमतौर पर अगर भोजन में प्रति 100 ग्राम उत्पाद में 3 ग्राम से भी कम फैट हो तो उसे कम फैट वाला खाना मन जाता है।
कम वसा वाले आहार के फायदे |
आप चाहे वजन कम करने के प्रयास कर रहे हों या अपने ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हों, बैलेंस डाएट के लिए फैट आवश्यक होते हैं, इस बात को समझना बेहद जरूरी है। जबकि वजन घटाने के लिए कम फैट वाला खाना को जाना जाता है, पर वजन घटाने के लिए यह सही तरीका नहीं है।
आप अगर वजन कम करना चाहते हैं, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का सही लेवल बनाए रखना चाहते हैं और अपने दिल को स्वास्थ्य रखना चाहते हैं तो आपको तले और डीप फ्राई किए हुए पदार्थों से अस्वास्थ्यकर फैट से दूर रहना चाहिए।
क्या आप जानते हैं कम फैट वाला खाना से वजन बढ़ सकता है ? जी हाँ, यह सच है !
उदाहरण के लिए, नाश्ते के लिए इडली को लीजिए। आपको यदि लगता है कि दो इडलियाँ खाने से आपको लंबे समय तक खान की जरूरत नहीं हो सकती, तो दोबारा सोचें। इडली जैसे लो-फैट वाले खाद्य पदार्थ से कम समाधान मिलता है और आपको भूख लग सकती है।
इससे आपको जरूरत से ज्यादा खाने और इनका सेवन करने की इच्छा होती है। इस प्रकार लो-फैट वाले खाद्य पदार्थ अधिक खाने से वजन बढ़ सकता है। लो-फैट वाले खाद्य पदार्थ को खाना याने एक प्रकार से अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट के सेवन जैसा हो सकता है, जो वजन बढ़ने में मदद करता है।
इसलिए वजन घटाने के लिए अक्सर अपने डाइटिशन से सलाह लेने की सिफारिश की जाती है।
अपने डाएट में शामिल करने योग्य लो-फैट वाले कुछ खाद्य पदार्थ हैं ?
भले ही लो फैट डाइट को अपनाने की सलाह नहीं दी जाती पर लो-फैट वाले खाद्य पदार्थों को अपनाने से मदद होती है। फल, सब्जियाँ, होल ग्रेन जैसा शाकाहार में पशु-आधारित खाद्य पदार्थों के मुकाबले लीन प्रोटीन और लो-फैट रहता है।
क्या आपका वजन
नियंत्रण में है?
कम वसा वाले आहार की सूची दी गई है
1. फल
फलों में कम फैट, ज्यादा फाइबर और विटामिन, मिनिरल और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिन्हें आप अपने डाएट में शामिल कर सकते हैं। जबकि कुछ फलों में कैलोरी और शुगर अधिक होती है, इसलिए आप अगर अपना वजन कम करना चाहते हैं तो अक्सर अपने डाइटिशन से सलाह लें।
2. सब्जियाँ
अधिकतर सब्जियों में कम फैट रहते हैं और इनमें खीरा, भिंडी, तोरी, सलाद, पत्तागोभी आदि सब्जियाँ शामिल हैं।
3. होल ग्रेन और सीरियल्स
होल ग्रेन और सीरियल्स फाइबर से भरपूर होते हैं और इनमें विटामिन, मिनिरल और एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ कई पोषक तत्व होते हैं। जबकि इनमें फैट कम होते हैं।
4. लीन प्रोटीन
पशु-आधारित प्रोटीन भी फैट से भरपूर होते हैं। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते है या ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना चाहते हैं तो अपने डाएट में लीन मीट (चिकन ब्रेस्ट), तेल रहित मछली (पोम्फ्रेट) और शाकाहारी प्रोटीन (दाल, अंकुरित अनाज) शामिल करें।
5. डेयरी और डेयरी पर्याय
भले ही डेयरी प्रोडक्ट फैट से भरपूर होते हैं, पर आप कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट के पर्याय आजमा सकते हैं।
लो-फैट खाद्य पदार्थों को पहचानने के लिए न्यूट्रिशन लेबल कैसे जानें |
आप जब सुपरमार्केट से किसी प्रोडक्ट को चुनते हैं ता क्या आप उस पर लगे लेबल को पढ़ते हैं? खाद्य लेबल पर छपी जानकारी पदार्थ में मौजूद अलग-अलग पोषक तत्वों, कैलोरी और एडिटिव्स की ओर इशारा कराती है।
आपको अक्सर खाद्य लेबल पढ़ना चाहिए क्योंकि उससे आपको पता चलता है कि आप क्या खा रहे हैं और वह पदार्थ कितना सही है।
किसी खाद्य पदार्थ में अगर 100 कैलोरी हैं और 3 ग्राम या उससे कम फैट हैं, तो उस पदार्थ को लो-फैट माना जाता है।
कौन-सा खाद्य पदार्थ लो-फैट वाला है, यह जानने के लिए लेबल के टोटल फैट को जरूर देखें। आपको 100 ग्राम खाद्य पदार्थ में फैट के प्रकार (ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट, ओमेगा-3, ओमेगा-6 आदि) और उनका प्रमाण पता चल जाएगा।
कम फैट वाला खाना पकाने के बेहतरीन टिप्स |
आप अगर लो-फैट व्यंजन पकाना चाहते हैं, तो स्वस्थ खाना पकाने के कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनका इस्तेमाल आप कर सकते हैं
1. खाना पकाने के तरीका
तलने से भाचें और खाना पकाने के लिए ऐसे तरीकों के इस्तेमाल करें जिनमें कम-से-कम तेल को उपयोग हो। लो-फैट वाले व्यंजन पकाने के लिए भाप से पकाना, उबालना, ग्रिल करना और एयर-फ्राई करना जैसे अनूठे तरीके हैं।
2. फैट के बिना स्वाद
डेयरी जैसे पशु निर्मित फैट बड़े स्वादिष्ट होते हैं। जबकि अपने भोजन को लो-फैट करने के लिए इनके बजाय हर्ब्स और मसालों का इस्तेमाल करें।
3. लो-फैट वाले डेयरी पर्याय चुनना
लो-फैट वाले और नॉन-फैट डेयरी पर्याय जैसे क्रीम और दही का इस्तेमाल फैट से भरपूर संस्करण के बजाय किया जा सकता है। आपके द्वारा अपनाए जाने वाले फैट के प्रमाण कम करें।
स्वादिष्ट कम वसा वाले आहार को कैसे शामिल करें?
यहाँ कुछ लजीज, लो-फैट वाले व्यंजन दिए गए हैं, जिन्हें आप अपने रोजाना डाएट प्लान में शामिल कर सकते हैं:
1. नाश्ता
बिना तेल के डोसा, बिना तड़के वाला ढोकला, बिना तले मुठिया।
2. दोपहर का भोजन और रात का खाना
फैट से भरपूर ड्रेसिंग के बिना सलाद, उबली हुई सब्जियाँ, एअर-फ्रायर में तली हुई सब्जियाँ।
3. नाश्ता और मिठाइयाँ
खीर, श्रीखंड, कस्टर्ड आदि लो-फैट वाले दूध से तैयार किया हो, बेक किया हुआ नाश्ता।
अपने डाएट से पूरी तरह से फैट को नजरअंदाज करने से क्या कोई खतरा हो सकता है?
ज्यादातर लोगों के मानना है कि फैट से परहेज करना अच्छी बात है, लेकिन सचमुच ऐसा नहीं है! लो-फैट वाले खाद्य पदार्थ और डाएट काफी मशहूर हुए हैं पर कई लोगों को इससे जुड़े खतरों के एहसास तक नहीं है:
- आवश्यक मात्रा में फैट न खाने पर आपको अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट खाने कि इच्छा हो जाती है। फैट से दूर रहने का नतीजा आप ज्यादा कैलोरी और शुगर का सेवन करते हैं, जिससे डायबिटीज, दिल के दौरा आदि का खतरा बढ़ जाता है।
- मैनिफेक्चर कंपनियाँ लो-फैट वाले उत्पादों में फैट को रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट में बदल देती हैं जिससे डायबिटीज जैसे मेटाबोलिक डिसॉर्डर का खतरा बढ़ जाता है।
- कार्बोहाइड्रेट से भरपूर और कम अनसैचुरेटेड फैट वाला डाएट रक्त में लिपिड लेवल को प्रभावित कर सकता है, जिससे ह्रदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
FitterTake
जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं और स्वस्थ्य रहना चाहते हैं उन लोगों में कम वसा वाले आहार और लो-डाएट काफी मशहूर हुआ है। जबकि फैट आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं और लो-फैट वाले डाएट के खतरे क्या हैं, यह लो-फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पहले जानना बेहद जरूरी है।
आप चाहे कुछ अतिरिक्त वजन कम करना चाहते हों, अपने ब्लड कोलेस्ट्रॉल या ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना चाहते हों या सिर्फ स्वस्थरहना चाहते हों, लो फैट डाइट शुरू करने से पहले आपको अपने डाइटिशन की राय लेनी चाहिए।
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This blog provides general information for educational and informational purposes only and shouldn't be seen as professional advice.
Frequently Asked Questions
लो-फैट वाले डाएट में क्या केले सही हैं ?
केले संपन्न और आसानी से उपलब्ध होते हैं। फाइबर से भरपूर होने के कारण केले काफी समय तक आपको पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं। केले जबकि कैलोरी से भरपूर होते हैं पर उनमें फैट कम रहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि केले में ज्यादातर कैलोरी फैट से नहीं बल्कि कार्बोहाइड्रेट से आती है।
चावल में क्या फैट अधिक होते हैं ?
चावल एक ऐसा होल ग्रेन है जिसकी कई किस्में दुनिया भर में मौजूदहैं। चावलआमतौर पर उबाल कर खाया जाता है पर इसे फुलाकर, तलाहुआया डोसा और इडली जैसे व्यंजनों में मिलाया जा सकता है। चावल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर है और उसमें फैट कम रहते हैं।
आलूमें क्या लो-फैट होते रहते हैं ?
आलू में 0.5 ग्राम से भी कम फैट होते हैं (IFCT 2017 के अनुसार) इससे वे लो-फैट वाले हैं। हांलाकि आलू में स्टार्च (कार्बोहाइड्रेट) की मात्रा ज्यादा होती है, जो उन्हें वजन कम करने या अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने वाले लोगों के लिए सही नहीं है।
ऐसे कौन-से खाद्य पदार्थ हैंजिनमें फैट कम रहते हैं पर पेट तो भरता है ?
लो-फैट वाले डाएट अपनाते समय आपको ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए जिनसे पेट भरा रहे। ये कार्बोहाइड्रेट और हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से रोकता है। कुछ खाद्य पदार्थ जो लो-फैट वाले हैं पर उनसे पेट भरा रहता है उनमें ओट्स, लो-फैट वाला दही, अंकुरित अनाज, अंडे, लो-फैट मीट जैसे चिकन ब्रेस्ट, लो-फैट मछली, जामुन, लो-फैट वाला पनीर जैसे पदार्थ शामिल हैं।
मुझे अपने डाएट में लो-फैट वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने पर क्यों विचार करना चाहिए ?
लो-फैट वाले खाद्य पदार्थों को नियमित खाद्य पदार्थों से साथ अपने रोजाना डाएट में शामिल किया जा सकता है। लो-फैट वाले खाद्य पदार्थ खाने से पहले अक्सर अपने डाइटिशन से राय लें।