डायबिटीज से होने वाली अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं |
डायबिटीज अपने साथ अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, जिससे डायबिटीज को पहचानना और संभावित समस्याओं का जल्दी पता लगाना मुश्किल हो जाता है। यह लेख डायबिटीज के साथ जुड़ी समस्याओं की स्पष्ट जानकारी देता है, उनके लक्षणों के बारे में जानकारी और डायबिटीज के जल्दी पता चलने के महत्व और उसके रोकथाम की जानकारी साझा करता है।
डायबिटीज से होने वाली समस्याएं क्या हैं?
डायबिटीज की समस्याएं अक्सर दो प्रकार की होती हैं:
लंबे समय से चली आ रही समस्याएं
लंबे समय से चली आ रही समस्याएं अधिक गंभीर हैं, जो काफी लंबे समय से विकसित होती हैं। यदि उपचार न किया जाए, तो पुरानी समस्याएं बद से बद्तर हो सकती हैं और भयानक नुकसान हो सकता है।
डायबिटीज से जुडी लंबे समय/ पुरानी समस्याओं के प्रकार हैं :
1. नेफ्रोपैथी याकिड़नी का नुकसान :
- अगर इलाज न किया जाए तो डायबिटीज कुछ समय में किड़नी समस्या का गंभीर कारण बन सकता है। इसे नेफ्रोपैथी या डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है।
- लंबे समय से चला डायबिटीज किड़नी को नुकसान पहुँचा सकता है, इसे नेफ्रोपैथी या डायबिटिक नेफ्रोपैथी के नाम से जाना जाता है। इस कारण किड़नी ठीक से काम नहीं कर पाती, और शरीर के अनुपयोगी और तरल पदार्थ निकालने में समस्या होती है।
- इस वजह से हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी की समस्या होती है।
2. न्यूरोपैथी या नर्व हानि:
- काफी समय से ब्लड शुगर लेवल में हुई बढ़ोतरी न्यूरोपैथी या डायबिटिक न्यूरोपैथी में तब्दील होती है, जो शरीर की नर्व को नुकसान पहुँचाती हैं।
- न्यूरोपैथी शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सूचना भेजने, महसूस करने , देखने और सुनने जैसी ब्रेन की क्षमता में रूकावट डालती है।
3. रेटिनोपैथी या आँखों की हानि
- लंबे समय तक अनुपचारित डायबिटीज आँखों को बहुत नुकसान पहुँचा सकता है। इसे रेटिनोपैथी या डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है। रेटिनोपैथी दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती हैं और कुछ गंभीर मामलों में आंशिक या पूर्ण दृष्टि हानि हो सकती है।
- डायबिटीज का जल्दी पता लगाने और दृष्टी संबंधी समस्याओं की रोकथाम के लिए आँखों की नियमित जाँच करना महत्वपूर्ण है।
- अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर और नेत्र रोग विशेषज्ञों से बात करें कि आपको कितनी बार अपनी आँखों की जाँच करने की आवश्यकता है। जल्दी पता लगने से आँखों की रोशनी को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
4. पैरों की समस्या
- अनियंत्रित डायबिटिज, खासकर देखभाल के बिना, पैरों को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। डायबिटिक न्यूरोपैथी पैरों की समस्या को गंभीर बना सकती है, कभी -कभी शरीर के हिस्से को शरीर से अलग करने की नौबत भी आ सकती है।
- ब्लड शुगर लेवल की बढ़ोतरी ब्लड सर्क्युलेशन को नुकसान पहुँचा सकती है, खासकर पैरों की हीलिंग प्रोसेस धीमी होती है।
- नियमित रूप से पैरों का ध्यान रखना और कटने, घाव, सूजन की तुरंत जानकारी देना आवश्यक है।
5. स्ट्रोक यादिल का दौरा
- डायबिटिज और लगातार हाई ब्लड शुगर लेवल हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है, जिससे दिल का दौरा यास्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
- हाई ब्लड शुगर ब्लड वेसल को नुकसान पहुँचाती है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।
6. मसूड़ों या मुँह की बीमारियाँ
- ब्लड शुगर की बढ़ोतरी लार में मौजूद शुगर को बढ़ा सकती है, जो बैक्टेरिया को आकर्षित कराती है जो डायबिटिज दाँतों और मसूड़ों के लिए हानिकारक एसिड बनाते हैं।
- समय के साथ यह आपके मसूड़ों को नुकसान पहुँचा सकता है और ओरल डिसीज का कारन बन सकता है। इसलिए खासकर डायबिटिज से ग्रसित लोगों को अपने दाँतों की नियमित जाँच करना जरूरी है।
7. यौन रोग
- कुछ मामलों में लंबे समय से चला डायबिटिज पुरुषों और महिला दोनों में अलग-अलग यौन समस्याओं का कारण बन सकता है।
- हाई ब्लड शुगर आपके यौन अंगों में ब्लड सर्क्युलेशन में रूकावट ला सकता है।
- इससे उत्तेजित (libido) होने की समस्या हो सकती है या इरेक्टाइल डाइफंक्शन (erectile dysfunction) हो सकता है।
- इससे सैक्सुअल इंटरकोर्स दर्दनाक या कठिन हो सकता है।
इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें, और अगर जरूरी हो तो दर्द या परेशानी को काम करने के लिए किसी सेक्सोलॉजिस्ट या गायनेकोलॉजिस्ट से बात करें।
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गंभीर समस्याएं
जो किसी भी समय हो सकती हैं, वे गंभीर समस्याएं होती हैं। गंभीर समस्याएं किसी भी समय सामने आ सकती हैं, लेकिन अगर इलाज न किया जाए तो वे भयानक बन सकती हैं और क्रोनिक समस्याओं (chronic complications) को जन्म दे सकती हैं।
डायबिटिज की गंभीर समस्याओं के प्रकार:
1. डायबिटिक कीटोएसिडोसिस या DKA
ऐसा तभी होता है, ब्लड शुगर बहुत हाई हो और इंसुलिन की कमी हो। DKA लीवर में कीटोन्स के बनने का कारण बन जाता है और भयानक स्थिति निर्माण हो सकती है।
2. ब्लड-शुगर में उतार-चढ़ाव
- ब्लड-शुगर के उतार-चढ़ाव से कठिनाई हो सकती है।
- हाईपोस तब होता है जब आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है और हाईपर तब होता है जब आपका ब्लड शुगर लेवल बहुत हाई हो जाता है।
3. हाईपारोस्मोलर हाइपरग्लाइसेमिक स्थिति या HHS
- यह एक और घातक स्थिति है जो उन लोगों को हो सकती है जिन्हें टाइप 2 डायबिटिज है।
- ऐसा तभी हो सकता है जब आपको गंभीर डिहाईड्रेशन हुआ हो या ब्लड शुगर लेवल अधिक हो।
डायबिटिज की समस्याएं कब शुरू होती हैं ?
जब डायबिटिज का इलाज नहीं किया जाता या अगर आप अपनी दवाइयाँ ठीक समय पर नहीं लेते या डायबिटिज हेल्थ केयर टीम ने बताए डायबिटिज नियंत्रण के टीप्स का पालन नहीं करते तो समय के साथ डायबिटिज समस्याओं का कारण बन सकता है।
डायबिटिज की समस्याओं का कारण क्या है ?
- डायबिटिज की समस्याएं व्यक्तियों में अलग-अलग नजर आती हैं, जो उनकी उम्र, उन्हें कब से डायबिटिज है, उनका संपूर्ण स्वास्थ्य, लाइफस्टाइल और डायबिटिज के टाइप आदि पर निर्भर हैं।
- इन समस्याओं के मूल में हाई ब्लड ग्लूकोज लेवल है। लंबे समय तक हाइपरग्लाइसेमिया शरीर के टिश्यू और अंगों पर उल्टा असर करता है जो निश्चित रूप से प्राण घातक हो सकता है।
अनियंत्रित डायबिटिज की क्या समस्याएं हैं ?
अनियंत्रित डायबिटिज कई समस्याओं को जन्म दे सकता है, जो शरीर के अलग-अलगसिस्टम को प्रभावित करता है। हाई ब्लड शुगर लेवल इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, डायबिटिज से ग्रसित लोगों कोकान और दाँतों से संबंधित संक्रमणतुरंत हो सकते हैं।
स्कीन समस्या जिनमें इंफेक्शन, घाव का धीरे से भरना और स्कीन संबंधी अन्य समस्याएं शामिल हैं। हाईजिन की आदतें बनाए रखना और स्कीन, कान और दाँतों से संबंधी समस्या के लिए तुरंत मेडिकल केयर लेना इन समस्याओं की रोकथाम के लिए जरूरी है।
डायबिटिज कीसमस्याओं को कैसे रोकें ?
डायबिटिज कीसमस्याओं से बचने के लिए कुछ बातें यहाँ बताई गई हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए और उनका बिलकुल पालन करना चाहिए :
1. नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जाँच करें
हेल्थ केयर प्रोवाइडर की सलाह के अनुसार नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जाँच प्रभावी डायबिटिज नियंत्रण के लिए जरूरी है।
2. डायबिटिज की दवाइयाँ समय पर लें
जैसे कि आपकी डायबिटिज हेल्थ केयर टीम ने बताया है,आपको अपनी दवाइयाँ समय पर लेनी चाहिए।
अगर आप अपनी दवाइयाँ समय पर लेना भूल जाते हैं या काम में मशगूल हो जाते हैं, तो हर दिन अपने फोन पर रिमाइंडर सेट करें और उसके अनुसार अपनी दवाइयाँ लें।
3. हेल्दी डाएट रूटीन को समझें और उसे अपनाएँ
अपने डाएटिशन और न्यूट्रिशनिस्ट की डायबिटिज फ्रेंडली डाएट प्लान के बारे में सलाह लें | डायबिटिज को प्रभावी ढ़ंग से नियंत्रित करने के लिए संतुलित, पौष्टिक भोजन अपनाएँ।
आप हमारी वेबसाइट और ब्लॉग पर कई स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक रेसिपीयोंको भी देख सकते हैं।
4. स्मोकिंग और शराब का सेवन काम करें
अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश करें या हररोज सिगरेट पीने की संख्या काम करे | अगर आप नियमित रूप से शराब पीते हैं तो अपने डेली या वीकली ड्रिंक्स काम करें।
स्मोकिंग खासकर डायबिटिज की अलग-अलग समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है, जैसे की स्ट्रोक, नेत्ररोग (रेटिनोपैथी), किड़नी विकार (नेफ्रोपैथी), हृदय रोग (कार्डीओव्हसकुलर विकार), न्यूरोपैथी संबधित विकार आदि।
5. एक्सरसाइज को अपने रूटीन का नियमित हिस्सा बनाएँ
डायबिटिज हो या न हो एक्सरसाइज बहुत महत्वपूर्ण है।
अगर आपने अभी तक एक्सरसाइज शुरू नहीं किया है तो हररोज कम से कम 15 से 30 मिनट से शुरुआत करें और धीरे-धीरे एक घंटे तक बढ़ाएँ। वॉकिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, जॉगिंग, साइकिलिंग जैसे रोचक एक्सरसाइज को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएँ।
FitterTake
यहाँ Fitterfly आपकी जिम्मेदारी सँभालने और एक प्रोफेशनल की तरह आपके डायबिटिज को नियंत्रित करने में मदद करता है | विशेषज्ञ, डायबेटोलॉजिस्ट, न्यूट्रिशनिस्ट, फिजिओथेरेपिस्ट और सायकोलॉजिस्ट ने तैयार किया यह डायबिटिज प्रोग्राम और उससे जुड़ी समस्याओं के नियंत्रण के लिए एक बड़ा नजरिया पेश करता है।
डायबिटिज नियंत्रण की यात्रा सबके लिए अनूठी है, इसे हम समझते हैं। फिटरफ्लाई डायबिटिज की समस्याओं को बढ़ावा देने वाले उम्र, डायबिटिज हुए हुआ समय, लाइफस्टाइल जैसे अलग-अलग कारणों को समझता है।
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