फास्टिंग ब्लड शुगर पर नियंत्रण: डायबिटीज का सफल नियोजन

डायबिटीज का पता लगाने और उसके नियंत्रण के लिए आपके ब्लड शुगर रिपोर्ट को समझना बहुत जरूरी है। यह ब्लड शुगर लेवल में हुई बढ़ोतरी का तुरंत पता लगाने की इजाजत देता है और आपको और आपके डायबिटोलाॅजिस्ट को आपके डायबिटीज मैनेजमेंट प्रोग्राम को होशियारी से ट्रैक करने में मदद करता है।
ब्लड शुगर टेस्ट रिपोर्ट में अलग-अलग वैल्यू के बारे में जागरूकता उन लोगों के लिए गेम चेंजर हो सकती है, जिनके परिवार में डायबिटीज या प्री-डायबिटीज की हिस्ट्री है।
तो आइए, आज हम ऐसे ही एक महत्वपूर्ण पहलू पर गौर करें- फास्टिंग में ब्लड शुगर लेवल
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फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल किसे कहते हैं?
रात भर आठ से बारह घंटे खाली पेट के बाद सुबह लिया गया ब्लड शुगर लेवल फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल कहलाया जाता है। डायबिटिज के स्टेप्स के अनुसार फास्टिंग ब्लड शुगर के अलग-अलग पैमाने नीचे दिए गए हैं।
फास्टिंग में ब्लड शुगर का सामान्य पैमाना
अमेरिकन डायबिटीज असोसिएशन (ADA) के स्टैंडर्ड्स के अनुसार मेडिकल एक्सपर्ट्स आमतौर पर उन लोगों को नीचे दी गई नाॅर्मल ब्लड शुगर लेवल रेंज देखने की सलाह देते हैं जिन्हें डायबिटीज नहीं है।
आपका डायबिटोलाॅजिस्ट आपको डायबिटीज के निदान को कन्फर्म करने के लिए टेस्ट दोहराने की सलाह दे सकता है।
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट की संकल्पना को समझें
खाली पेट ब्लड शुगर लेवल टेस्ट करने से प्रैक्टिशनर को नाॅर्मल ब्लड शुगर के लिए एक बेसलाइन निश्चित करने और डायबिटीज या प्री-डायबिटीज की ओर इशारा करने वाली अब्नोर्मेलिटीज का पता लगाने में मदद मिल सकती है।
कोर्टिसोल और ग्रोथ हार्मोन जैसे हार्मोन सुबह-सवेरे जब आपका पेट आठ घंटे या उससे भी अधिक समय तक खाली रहता है, तब ग्लूकोज को ब्लड में शामिल करने के लिए लीवर काम करता है, जिससे जागने के लिए एनर्जी मिलती है।
डायबिटीज से ग्रसित लोगों को इंसुलिन से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो ब्लड शुगर लेवल कम करने में नाकाम है। इसलिए रात-भर खाली पेट के बाद आपके ब्लड शुगर की जाॅंच करने से हमें भोजन के असर के बिना आपके डायबिटीज की सच्ची तस्वीर मिल जाती है।
आपका डायबिटीज रिवर्स
हो सकता है क्या?
फास्टिंग में ब्लड शुगर को प्रभावित करने वाले घटक
फास्टिंग के दौरान ब्लड शुगर को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख घटक हैं:
1. आपने रात के भोजन में किस प्रकार का खाना खाया था (शाम का नाश्ता और रात का खाना)
2. भोजन का अनुपात
3. आपके शरीर ने भोजन पर प्रतिक्रिया कैसे की है
इसके अलावा यह इनसे भी प्रभावित होता है:
1. आपके रात के भोजन का पोर्शन साइज
2. आपके रात के भोजन का समय
3. फास्टिंग का समय
4. सोने का समय
5. आपका भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा; अगर आपने मिठाइयाॅं और चॉकलेट खाई है तो
6. शाम के समय किसी प्रकार का शराब सेवन
7. दवाइयाॅं (अगर आप वर्तमान में कोई ले रहे हैं)
हाई-फास्टिंग ब्लड शुगर (FBS) लेवल को समझें
फास्टिंग ब्लड लेवल एनालिसिस शरीर के शुगर लेवल को नियमित करने की क्षमता के बारे में अधिक महत्वपूर्ण जानकारी देता है। हाई-फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल से इशारा मिलता है कि शरीर को शुगर लेवल कम करने में दिक्कत हो रही है। यह इंसुलिन रेजिस्टंस, इंसुलिन की कमी या इन दोनों के कारण हो सकता है।
दो उल्लेखनीय प्रभाव हैं:
1. डाॅन इफेेक्ट
इस मामले में शरीर कोर्टिसोल हार्मोन के कारण सुबह ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी से निपटने के लिए पर्याप्त इंसुलिन जारी नहीं करता, जिससे हाई FBS होता है। यह डायबिटीज से ग्रसित लोगों की बहुत विशिष्ट बात है।
2. सोमोगी इफेक्ट
इसे रिबाउंड हाइपरग्लाइसेमिया के रूप से भी जाना जाता है, जो अक्सर तब होता है जब शरीर रात में कम ब्लड शुगर लेवल से निपटने के लिए जागने पर ब्लड में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए कोर्टिसोल छोड़ता है। यह हाई FS रीडिंग भी दिखाता है। आमतौर पर यह उन लोगों में देखा जाता है जो इंसुलिन पर हैं, जो रात को खाना नहीं खाते या कम खाते हैं।
दोनों भी डायबिटीज के लक्षण हैं और इन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। इन दोनों की दोबारा जाॅंच करने का सबसे बेहतर तरीका है कई दिनों तक सुबह तीन से पाॅंच बजे के बीच FBS को दोहराना या CGM का इस्तेमाल करना है।
लो-फास्टिंग शुगर लेवल को समझें
बहुत कम ब्लड शुगर लेवल इस बात की ओर इशारा करता है कि डायबिटीज के उपचार से ब्लड शुगर लेवल काफी कम हो जाता है। यह अनियमित भोजन का समय और इंसुलिन इंजेक्शन या तय किए प्रमाण से अधिक इंसुलिन लेने के कारण हो सकता है।
फास्टिंग में ब्लड शुगर रेटिंग से HbA1c वैल्यू
फास्टिंग ब्लड शुगर (FBS) एक बार का डेटा है, जबकि HbA1c तीन महीनों में औसत ब्लड शुगर का रीडिंग है।
FBS के विपरित, HbA1c हाल के भोजन के सेवन, स्लीप साइकिल्स, दवाओं आदि से प्रभावित नहीं होता है। मान लीजिए कि आपके टेस्ट से पता चलता है कि आपका FBS हाई है लेकिन HbA1c नाॅर्मल रेंज में हैं, तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं:
1. टेस्ट से एक दिन पहले कार्बोहाइड्रेट्स या शक्कर से भरपूर किया हुआ रात का भोजन
2. कम समय का फास्टिंग
3. अपर्याप्त नींद
4. स्ट्रेस, चिंता
फास्टिंग के दौरान अपने ब्लड शुगर लेवल को कैसे नियंत्रित रखें
आपके FBS को अस्थिर होने से बचाने के लिए कुछ तरीके दिए गए हैं:
1. लाइफस्टाइल में सुधार: स्वस्थ भोजन करें और नियमित एक्सरसाइज करें।
2. स्ट्रेस मैनेजमेंट
3. वजन पर नियंत्रण
4. अगर आप पहले से ही डायबिटीज से ग्रसित हैं, तो अपने डायबिटोलॉजिस्ट के अनुसार दवाइयाॅं ले।
5. नियमित ग्लूकोज की निगरानी
FitterTake
फास्टिंग में अपने ब्लड शुगर को स्मार्ट तरीके से संभालने करने के लिए ज्ञान, गाइडेंस और सेल्फ-डिसिप्लिन की जरूरत होती है। अधिक जानने के लिए डायबिटीज कोच से व्यक्तिगत मदद लेना बेहतर होगा।
FBS को बेहतर ढंग से कैसे नियंत्रित किया जाए यह जानने के लिए फिटरफ्लाई के डायबिटीज केयर प्रोग्राम में हमारे विशेषज्ञ डायबिटोलाॅजिस्ट और कोच से सलाह लेने पर अवश्य विचार करें। अगर आप अधिक जानना चाहते हैं तो आप सीधे हमारे प्रोग्राम के लिए साइन अप भी कर सकते हैं।
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