डायबेटिस होम टेस्टिंग: यह आपको पता होना चाहिए !

परिचय
आज, जब हम बढ़ते हुए जीडीपी के बारे में गर्व से बात करते हैं लेकिन कैसे भारत दुनिया के लिए डायबेटिस की राजधानी बना हैं और सालों से अपना स्थान टिकाया हुआ हैं, इस बारे में कोई बात नहीं करता|
अज्ञान, असेहतमंद लाइफस्टाइल, खाने की गलत आदतें और बहुत ज्यादा काम, स्ट्रेस, बहुत दर तक काम यह टाइप २ डायबेटिस के मरीज बढने के कुछ मुख्य वजह बन चुकी हैI
क्या होगा अगर आपको बताया जाए कि आप एक आसानसी डायबेटिस होम टेस्ट करके अपनी ब्लड शुगर लेव्हल पर नजर रख सकते हो और उसे कंट्रोल भी कर सकते हो? जी हां, हम होम ब्लड ग्लूकोज मोनिटर टेस्ट्स की बात कर रहे हैं, जो डायबेटिस और प्री डायबेटिस के मरीजों की ब्लड शुगर लेव्हल्स पर नजर रखता है|
ब्लड ग्लूकोज पर खुद नजर रखना या SMBG, डायबेटिस के मरीजों को दे रहा हैं, डायबेटिस के उपचारों से कुछ फायदे और इससे कम होगी आपकी परेशानियां|
डायबेटिस के मरीजों को होम ब्लड ग्लूकोज मोनीटरिंग टेस्ट की जरूरत क्यों होती हैं?
दिन के अलग अलग समय में हमारी ब्लड शुगर लेव्हल कम ज्यादा होती रहती हैं| उदा. खाने के बाद ब्लड ग्लूकोज लेव्हल की जांच करने से डायबेटिस के मरीजों को अपनी ब्लड शुगर का सही पता चलता हैं|
अगर उनकी शुगर ज्यादा हो और उनका ब्लड ग्लूकोज लेव्हल कम दिखाई दे रहा हो तो वह उन्हें इस टेस्ट से पता चलता हैं| बहुत ज्यादा या बहुत कम शुगर होना घातक होता हैं| इसलिए अगर घरपर शुगर टेस्ट होती हो तो लोग सही समय पर अपनी जाँच करा सकते हैं|
डायबेटिस होम टेस्ट कैसे की जाती हैं?
इन्सान को डायबेटिस होने के बाद वह घरपर ही ग्लूकोमीटर या फिर लगातार ग्लूकोज मोनिटरिंग डिवाइस (CGM) का इस्तेमाल करके अपनी ब्लड ग्लूकोज लेव्हल देख सकता हैं| अब पता करते है, घर पर डायबेटिस की जाँच कैसे की जाती है!
ग्लूकोमीटर
ग्लूकोमीटर एक छोटासा पोर्टेबल डिवाइस हैं, जिससे आप कही पर भी, कभी भी अपनी ब्लड ग्लूकोज लेव्हल देख सकते हो| यह डिवाइस उँगली पर प्रिक करके खून की बूंद लेता हैं| यह ब्लड सैम्पल एक स्ट्रिप पर डाला जाता हैं| इस स्ट्रिप पर मौजूद एन्झाइन उस बूंद के साथ संयोग करता हैं|
जब यह स्ट्रिप डिवाइस में डाली जाती हैं तब ब्लड में मौजूद ग्लूकोज से केमिकल रिअॅक्शन होता हैं और उससे एक इलेक्ट्रिकल सिग्नल तैयार होता हैं, जो आपको ग्लूकोमीटर पर आपका ब्लड शुगर रीडिंग बताता हैं| डायबेटिस ग्रस्त लोगों के घर पर ग्लूकोमीटर होना जरुरी हैं|
कंटीन्यूअस ग्लूकोज मोनिटरिंग डिवाइस
डायबेटीस की होम टेस्ट करने के लिए डायबेटीस की मरीजों के घर पर ग्लुकोमीटर्स जरुर पाए जाते हैं या फिर CGM डिवाइसेस से ब्लड शुगर का मोनिटरिंग किया जा सकता हैं और आगे के उपचार के बारे में निर्णय लिया जा सकता हैं| इस डिवाइस से दिन के २४ घंटे का ग्लूकोज लेव्हल नापा जा सकता हैं और इसमें एक सेन्सर होता हैं जो आपकी त्वचा के निचे रखा जाता हैं|
CGM कुछ इस तरह काम करता है:
- आपकी त्वचा पर बाहों के बीच या पेट पर एक छोटे कोइन के साइज का सेन्सर बिठाया जाता है सेन्सर बिठाने के लिए इस्तमाल किया हुआ एप्लीकेटरयह बात बिलकुल आसान कर देता है| एक टेप से सेन्सर जगह पर चिपका हुआ रहता है|
- यह CGM सेन्सर त्वचा के अंदर के द्रव का ब्लड शुगर लेव्हल चेक करता है| यह १४ दिनों के लिए दिन में लगभग १०० बार रिडींग लेता है|
- सेन्सर से ली हुई रीडिंग्ज वायरलेस तरीके से डीवाईस पर भेजी जाती है जिन्हें आप और आपके डोक्टर डीवाईस पर देख सकते है| यह डेटा कुछ ही समय में देखा जा सकता है और किसी भी वक्त कम्प्यूटर पर डाउनलोड किया जा सकता है और आपके डोक्टर या केयर टेकर से शेअर किया जा सकता है|
CGM डिवाइस ब्लड में बसे ग्लूकोज लेव्ह्ल्स का विशिष्ट वक्त के बीच लगातार मोनिटरिंग करता है|
हमारे FItterfly के डायबेटोलोजिस्टऔर अन्य तज्ञ अलग अलग समय पर आपकी बदलती हुई ब्लड शुगर लेव्हल समझ लेते है| इससे आपके लिए कस्टमाइज डायबेटिस केयर प्लान बनाते हुए उन्हें मदद मिलती है|
आपको यह हमेशा ध्यान में रखना है की लेबोरेटरी टेस्ट रिझल्ट और ग्लुकोमीटर रिडींग में हमेशा फर्क रहता है| क्योंकि, लेबोरेटरी की हुई जांच ज्यादा नियंत्रित परिस्थिती में की जाती है| कैपिलरी ब्लड ग्लूकोज लेवल (ग्लूकोमीटर और CGM डिवाइस से ली गई) लेबोरेटरी में ली गई लेव्हल से हमेशा ज्यादा रहती है|
होम ब्लड टेस्ट कब की जाती हैं?
अलगअलग लोगों के लिए दिन के अलगअलग समय पर घर पर ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करने की सलाह दी जाती हैं जिसमे
- सुबह उठने के बाद कुछ भी खाने से पहले| (फास्टिंग ग्लूकोज रीडिंग)
- खाना खाने से पहले|
- खाना खाने के दो घंटे के बाद|
- रात भर, रात के २ या ३ बजे|
- कभी भी|
ब्लड शुगर लेव्हल्स के नॉर्मल रेंज
रिझल्ट* | A1C टेस्ट | फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट | ग्लूकोज टोलेरंस टेस्ट | Random Blood Sugar Test |
Diabetes | 6.5% or above | 126 mg/dL or above | 200 mg/dL or above | 200 mg/dL or above |
Prediabetes | 5.7 – 6.4% | 100-125 mg/ dL | 140 – 199 mg/dL | N/A |
Normal | Below 5.7% | 99 mg/dL or Below | 140 mg/dL or below | N/A |
डायबेटीस होम टेस्ट और मोनिटरिंग के क्या फायदे हैं?
डायबेटीस के मरीजों के लिए होम ब्लड ग्लूकोज मोनिटरिंग के कई फायदे हैं:
1. बेहतर कंट्रोल
CGM डिवाइस जैसे तंत्रज्ञान की मदद से घर पर ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करने से आप अपने जीवन का डायबेटीस का कंट्रोल अपने हाथों में रख सकते हैं| आपकी ब्लड शुगर लेव्हल किस तरह कम ज्यादा होती हैं यह समझ लेने के बाद आप ज्यादा सजगता से निर्णय ले सकते हैं और शुगर बढाने वाले खाना और उपक्रमों से दूर रह सकते हैं|
2. समस्याओं का प्रतिबन्ध
आपकी नस से बार बार खून निकालकर उसकी जाँच करने से आप ज्यादा लाल रंग, खुजली या त्वचा के निचे खून की गाँठ होने जैसे समस्याओं का प्रतिबन्ध कर सकते हैं|
3. CGM डिवाइस से ज्यादा स्पष्टता आती हैं
घर पर किए गए इन शुगर टेस्ट से अलगअलग खाना खाने से और कार्य करने से हमारे शारीर में होनेवाले बदलाव हमें पता चलते हैं| इस जानकारी से आपके डॉक्टर आपकी ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के लिए योग्य उपचार कर पाते हैं|
4. पोर्टेबलिटी
यह ग्लूकोमीटर आप अपने साथ कही पर भी ले जा सकते हैं| इससे आप कभी भी टेस्ट क्र सकते हो और आपको लैब टेस्ट बुकिंग के झंझटो से छुटकारा मिलता हैं|
5. आपके दवाईयों का बेहतर व्यवस्थापन करने के लिए मददगार
घर पर डायबेटीस टेस्ट करने से आपके डॉक्टर आपके ब्लड शुगर लेव्हल ठीक रखने के लिए आवश्यक दवाईयों में आपकी सेहत के हिसाब से बदलाव कर सकते हैं|
FitterTake!
अगर आपको आपके डायबेटीस की चिंता हैं तो घर पर ही ब्लड शुगर देखें| डायबेटीस और प्री डायबेटीस के कई मरीजों को डायबेटीस होम टेस्टिंग की सलाह दी जाती हैं, लेकिन अपनी शुगर के बारे में आपके डॉक्टरों की सूचनाओ और सलाहों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण हैं|
अगर आपको घर पर डायबेटीस चेक करने के बारे में कोई भी आशंका हो तो हमारे तज्ञों से आज ही बात करे ! क्या आप आपकी ब्लड शुगर लेव्हल नियंत्रित रखना चाहते हैं? यहाँ पर हमारे डायबेटीस केअर प्रोग्राम में शामिल हो जाइए| कृपया हमें सम्पर्क करें 08069450746
This blog provides general information for educational and informational purposes only and shouldn't be seen as professional advice.
अकेले संघर्ष न करें और विशेषज्ञ की मदद लें

