पीसीओएस के लिए योगासन: आपके लक्षण नैचरली सुधारे
पीसीओएस प्रजननक्षम महिलाओं में दिखनेवाली एक सामान्य हार्मोनल अवस्था हैं| ८% से १३% महिलाओं में यह समस्या होती हैं| पिरीयड ना आना या अनियमित होना, चहरे पर और शरीर के अन्य अवयवों पर अतिरिक्त बाल उगना (ज्यादा एन्ड्रोजेन लेव्हल की वजह से), मुहासे, वजन बढ़ना और गर्भधारना में समस्या होना यह इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण हैं|
पीसीओएस की वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता हैं| यह समस्या होनेवाली अधिकांश महिलाओं के ओव्हरिज में छोटे सिस्ट बनते हैं, जिससे उनके ओव्हरिज से एग रिलीज नहीं होते| (उनका ओव्हल्युशन नहीं होता)
इससे उनको गर्भधारना नहीं होती और महिलाओं मे हाय ब्लड प्रेशर , ह्रदय रोग, मधुमेह और एन्ड़ोमेट्रियल कर्करोग की समस्या होने की संभावना बढती हैं| पीसीओएस के उपचार और उसका व्यवस्थापन कई घटकों पर निर्भय करता हैं| इसमें महिलाओं की उम्र, लक्षणों की गंभीरता और उनकी सेहत का समावेश होता है|
पीसीओएस की उपचारों के प्रकार यदि महिला गर्भवती रहना चाहती है या नहीं उसपर निर्भर होते हैं| जिन महिलाओं को आगे जाकर बच्चा चाहिए वह कई प्रकार की दवाइयां ले सकती हैं|
पीसीओएस पर उपचार कैसे होते हैं?
पीसीओएस का व्यवस्थापन अधिकांश यदि महिला गर्भवती रहना चाहती हैं या नहीं उसपर निर्भर होता हैं और उसके उपचारों में निचे दिए गए घटकों का समावेश होता हैं|
- अपनी खानपान और शारीरिक कार्यों में बदलाव|
- ओव्हरिज को नियमित रूप से एग छोड़ने के लिए मदद करनेवाली दवाईयां|
यदि पीसीओएस के साथ जीनेवाली महिला गर्भवती नहीं होना चाहती तो उसके उपचार अलग होते हैं, जैसे की
- उनके पिरीयड को नियमित करने के लिए बच्चा रोकनेवाली दवाईयां, कम एन्ड्रोजेन लेव्हल और मुहासे कम करना|
- मधुमेह की दवाई से इंश्युलिन रेजिस्टंस और ओव्हल्युशन का नियमन हो सकता हैं|
- घर का बनाया हुआ खाना खाना और अपना वजन नियंत्रित रखने के लिए शरीर की हलचल कायम रखना|
जीवनशैली के बदलाव और पीसीओएस
पीसीओएस के उपचारों में जीवनशैली के बदलावों को पहला स्थान दिया गया हैं| पीसीओएस के साथ रहनेवालो महिलाओं को उनका वजन नियंत्रित रखने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की सलाह दी जाती हैं| जैसे की
1. शक्कर और कार्बोहाइड्रेट कम खाना
अपने रोज के खाने में तजि सब्जियां, फल, दाल, धान्य और कम चरबी वाले दूध युक्त पदार्थ इनका समावेश होना चाहिए| साथ ही मीठे पदार्थो से मिलनेवाली शक्कर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करनी चाहिए|
2. वजन नियंत्रित रखना
अपना केवल ५% वजन कम करना यह पीसीओएस वाली महिलाओं की परिस्थिति में और उनके लक्षणों में सुधार लता हैं|
3. नियमित एकसरसाइज
पीसीओएस के व्यवस्थापन के लिए भिन्न प्रकार के एकसरसाइज करना जरुरी है| साथ ही पीसीओएस के लिए योगासन करने से मन शांत होता है, हमें आराम मिलता है और हमारी सांसे नियंत्रित रहती है और हमारे तनाव पर यह मात्रा लागु होती है| शारीरिक एक्सरसाइज करने से महिलाओं का इन्सुलिन रेझिस्टन्स बढ़ता है और पीसीओएस वाली महिलाओं का मेटाबोलिझमभी अच्छेसे होता है|
पीसीओएस के लिए योगासन
पीसीओएस के लिए योगासन के फायदे आप जानते है?? आपको यह बातें पता होनी चाहिए!
दवाइयों के साथ साथ योगासन करने से पीसीओएस के लक्षणों को रोका जा सकता है यह बात सबूतों के साथ साबित हुई है|
कई अभ्यासों ने यह दिखाया है की पीसीओएस के लिए योगासन करने से मरीजों में घब्राहट कम होती है|इससे वजन भी घटता है,तनाव कम होता है, ब्लड सर्क्युलेशन भी सुधरता है और मेटाबोलिझम भी अच्छा होता है|
योगासन में कई सारे कठिन पोझेस है| अंदरतक दर्द होनेवाले योगासनों से शायद पीसीओएस वाली महिलाओं को आराम मिलता है|पीसीओएस के लिए योगासन के प्रकार नीचे दिए गए है|
1. मलासन
पीसीओएस त्रस्त महिलाएं जिनकी पाचनशक्ति कमजोर हैं उन्हें मलासन से फायदा होगा| साथ ही मलासन से आपके हिप, हैम्सस्ट्रिंग्स और कमर के निचले हिस्से के मसल्स खींचते हैं| इससे आपकी बच्चा दानी भी सशक्त होती हैं|
2. सेतुबंधासन (Bridge pose)
पीसीओएस के लिए इस योगासन से पिट के मसल्स में खिंचाव होता हैं और पिट को आराम मिलता हैं| इससे पीसीओएस ग्रस्त महिलाओं में मौजूद तनाव और डर निकल जाता हैं और दिमाग शांत रहता हैं| गर्भवती महिला तथा माहवारी में होती महिलाओं को आराम मिलता हैं|
3. उत्तानपादासन (Raised leg pose)
कई अभ्यास और अहवाल बताते हैं कि, हररोज उत्तानपादासन करने से आंतों का काम सुलभ होता हैं और पीसीओएस ग्रस्त महिलाओं को हमेशा होनेवाली एसिडिटी, अपचन और मलावरोध से छुटकारा मिलता हैं|
4. नौकासन (Boat pose)
टाइप २ मधुमेहियो के लिए नौकासन काफी प्रभावशाली साबित हुआ हैं| इस आसन से ब्लड शुगर लेव्हल कम रहती हैं| पीसीओएस के कारण इंश्युलिन विरोध या मधुमेह होने की संभावना होनेवाली महिलाओं को इससे आराम मिलता हैं|
5. पवनमुक्तासन (Wind escape pose)
पीसीओएस के लिए इस योगासन से आंते और पेट से संबंधित बीमारियों से आराम मिलता हैं| पवनमुक्तासन से आपकी पिट और पेट के मसल्स सशक्त होते हैं, हाथ और पैरों के मसल्स सशक्त होते हैं और हिप के जॉइंट्स में ब्लड सर्क्युलेशन बढ़ता हैं| इससे पीसीओएस ग्रस्त महिलाओं को आराम मिलता हैं|
6. धनुरासन (Bow pose)
पीसीओएस के लिए इस योगासन से माहवारी के दिनों में आराम मिलता हैं और खून का बहाव नियंत्रित रहता हैं| इससे पेट के निचले हिस्से में सर्क्युलेशन बढ़ता हैं और पेट के अवयवों के उपर का तान तनाव निकल जाता हैं| धनुरासन के इन फायदों की वजह से यह पीसीओएस ग्रस्त महिलाओं के लिए उपयुक्त हैं|
FitterTake
पीसीओएस के लिए योगासन करना उन महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं, इससे उनकी सेहत भी अच्छी रहेगी| पीसीओएस ग्रस्त महिलाओ के हार्मोन्स का नियमन वह खुद क्र सकती हैं, उनका तनाव और डर कम होकर कुछ विशेष योगासन से वह अच्छी जिंदगी जी सकती हैं|
ऐसी महिलाओं को हररोज एकसरसाइज करना चाहिए| पीसीओएस के लिए योगासन अच्छा होता हैं इसलिए महिलाओं को प्रोफेशनल मेडिकल केअर और समग्र दृष्टिकोण होना जरुरी हैं|
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